झारखंड के पाकुड़ जिले के अलावा गोड्डा में भी इन्हीं लक्षणों से कई लोगों की जान गई थी. इस बिमारी में जितने भी लक्षण पाये गए वह मलेरिया जैसी ही है. राज्य में अबतक करिब 12 से अधिक लोगों की जान गई है.
पाकुड़ : झारखंड में गोड्डा के बाद पाकुड़ जिले में भी काफी संख्या में बच्चे मलेरिया जैसी पायी जाने वाली बिमारी के लक्षण से जिंदगी और मौत से जुझ रहे हैं, वहीं पाकुड़ में अबतक पांच बच्चों की जान चली गई. यह आंकड़े करीब दस दिनों के भीतर का है. वहीं इस मुद्दे को विपक्ष की सरकार ने राजनीति मुद्दा बनाते हुए घेरे में ले लिया है.
साथ ही झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले पर ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा “सत्तासुख भोगने की लालसा लिए हुए हेमंत से अब जनता कौन सी उम्मीद कर सकती है? गोड्डा जिले में 7 बच्चों की मौत के बात, अब पाकुड़ जिले की लिट्टीपाड़ा के बड़ा कुलटो में 5 नाबालिक बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है. पर प्रदेश की हेमंत सरकार अभी भी नींद में सोई हुई है, उसे बच्चों की जान से, रोते हुए इंसान से और बेबस होती स्वास्थ्य व्यवस्था से कोई फर्क नहीं पड़ता है. हर दिन किसी न किसी बच्चे की जान जा रही है और राज्य सरकार अपनी रोटी में घी लगाकर स्वाद ले रही है, उसे रोटी और पथराई आंखों से कोई सहानुभूति नहीं है.”
इसके इतर, मीडिया रिपोर्ट बताती है कि मरने वाले बच्चे आदिम जनजाति के है. जानकारी के लिए बता दें , आदिम जनजाति वही आदिवासी हैं जिनकी आबादी दिनों दिन कम होती जा रही है. खैर, बात करे पाकुड़ जिले से मिली खबड़ कि तो लिट्टीपाड़ा प्रखंड के बड़ा कुलटा गांव में बीते पांच दिनों में जिन बच्चों की जान इस अनजान बिमारी की वजह से गई है उनके नाम छिता हांसदा, लीलमुनी मुर्मू, देतबाबू मरांडी, सुनीता मुर्मू और माइकल मरांडी है. इन सभी बच्चों की उम्र 2 से लेकर 12 साल के बीच थी.
हालांकि इन सभी बच्चों की मौत की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है जिसके बाद पाकुड़ के उपायुक्त मृत्युंजय वर्णवाल के दिए गये निर्देश पर डीएमओ केके सिंह और बीडीयो श्रीमान मरांडी की अगुवाई में मेडिकल टीम बड़ा कुटलो गांव पहुंची साथ ही मेडिकल टीम ने इस गांव में कैंप लगाए और 50 बीमार लोगों का इलाज किया जो इस अनजान बिमारी से प्रभावित हुए थे. इलाज के दौरान 50 में से 9 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गये. साथ ही जिन लोगों के बिमारी का पता नहीं चल पाया जिनमें मलेरिया जैसी बिमारी का लक्षण था उन्हें पास के लिट्टीपाड़ा स्थित समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भरती कराया गया है.
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